टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य के अंदर गुरुवार को एक बाघ मृत पाया गया Pandharkawada इसका विभाग यवतमाल जिला, जिससे यह इस साल महाराष्ट्र में 20वीं बड़ी बिल्ली की मौत बन गई है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान राज्य में 15 बाघों की मौत दर्ज की गई थी।
टी3 नामक नर बाघ की मौत रहस्य में डूबी हुई है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम जांच के बाद भी कोई कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। कोई चोट के निशान नहीं थे और जानवर के शरीर के अंग भी बरकरार थे।
टी3 नामक नर बाघ की मौत रहस्य में डूबी हुई है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम जांच के बाद भी कोई कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। कोई चोट के निशान नहीं थे और जानवर के शरीर के अंग भी बरकरार थे।
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